आरिफ़ नियाज़ी
उत्तराखण्ड सरकार भले ही बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही हो लेकिन वहीं सरकार की इस पहल का असर सबसे पहले मंगलौर के घोसीपुरा के पास देखने को मिला जहां तीन इंजीनियरों ने अपनी मेहनत के बल पर अपना स्वंय का रोजगार भी स्थापित किया है।
दरअसल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर रहे तीन इंजीनियर तसव्वर अली,आदिल ज़ैद और हम्माद गाज़ी ने घोसीपुरा गांव के पास एक जज़्बा नाम से फार्म खोला है जिसमें देश की अलग अलग प्रजातियों के बकरे बकरियां,गायें,मुर्गियां, और मछलियां शामिल हैं।

तीनों इंजीनियरों के इस कार्य की क्षेत्र में काफी सराहना भी हो रही है एक तरफ जहां पशु पालन के कार्य से क्षेत्र के काफी लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है तो वहीं क्षेत्र में पशु पालन को भी बढ़ावा मिला है। जज़्बा फार्म को बनाने में इंजीनियर तस्वर अली की काफी मेहनत रही जिन्होंने जून 2020 में जज़्बा फार्म की बुनियाद रखी।

तब से लेकर आज तक तसव्वर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा जिसका नतीजा ये रहा कि आज जज़्बा फार्म में सिरोही,बरबरी,सोजत,और देसी नस्लों के सौ से अधिक बकरे बकरियां, कड़कनाथ, और सील जैसे मुर्गी मुर्गों की प्रजाति उपलब्ध हैं ।हालांकि अभी जज़्बा फार्म में कुछ और नई नस्ल के बकरी बकरों को लाया जा रहा है । जज़्बा फार्म के स्वामी इंजीनियर तसव्वर अली ने बताया कि राजस्थान के बकरों को स्वस्थ आहार देने के लिए गवार, भूसा और लौब पेटी जैसा चारा खिलाया जाता है ताकि वो स्वस्थ रहें।खास बात ये है कि उनके फार्म में सभी प्रजातियों के बकरे बकरियां मौजूद हैं
जिनका बहुत ध्यान रखा जाता है। तसव्वर ने बताया कि ईद के मौके पर उन्होंने बकरे के शौकीन लोगों के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है जज़्बा फार्म में बीस प्रतिशत की धनराशि देकर लोग बकरे की बुकिंग आसानी से करा सकते है।इतना ही नहीं कम धनराशि में फार्म में ही अपना बकरा छोड़ सकते हैं जिसकी तमाम ज़िम्मेदारी भी फार्म स्वामी की रहेगी कभी भी आकर अपना बकरा ले जा सकते हैं।
तसव्वर ने बताया कि शादी हो या हक़ीक़ा हर समय उनके पास बेहद उचित दाम पर बकरे बकरियां, और मुर्गे हर समय मौजूद हैं । तसव्वर ने बताया कि पशुओं में कोई बीमारी ना हो और गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण का विशेष ध्यान रखा जाता है ।पशु चिकित्सक सभी पशुओं का विशेष ध्यान रखा जाता है समय समय पर उनका टीकाकरण किया जाता है ताकि किसी रोग की चपेट में ना आ सकें।

सभी बकरे बकरियों को पीपीआर और एफएमडी टीकाकरण कराया जाता है।उन्होंने बताया कि अगर कोई पशु किसी बीमारी की चपेट में आ जाये तो उसे अन्य बकरों से अलग रखा जाता है। फार्म में मछली पालन भी किया गया है जिसमे राहु प्रजाति की मछलियों को रखा गया है । तीनों इंजीनियरों की इस मुहिम से पशु पालन को क्षेत्र में बढ़ावा मिला है।
उन्होंने बताया कि वो अपने फार्म में गाय पालन को बढ़ावा दे रहे हैं। अगर कोई भी उनके फार्म में बकरे,मुर्गे, मछली, या गायें खरीदना चाहे तो उनके मोबाइल नंबर से भी संपर्क कर सकता है उनका मोबाइल नंबर 9156363977 पर वो हर समय मौजूद रहते है

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