उत्तराखंड में दो दिन की मूसलधार बारिश के बाद अब मौसम सामान्य होने की उम्मीद है। हालांकि शुक्रवार सुबह भी देहरादून में मूसलाधार बारिश देखने को मिली वही पहाड़ों में अब भी बादलों का डेरा है। देर शाम केदानाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड, पिथौरागढ़ आदि की चोटियों पर हल्का हिमपात भी हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार को भी कुमाऊं में कहीं-कहीं गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। साथ ही आकाश में बिजली चमकने की आशंका है। गढ़वाल में ज्यादातर इलाकों में अगले कुछ दिन मौसम सामान्य रहने के आसार हैं।उत्तराखंड में बुधवार सुबह शुरू हुआ बारिश का दौर वीरवार दोपहर थम गया। लेकिन, इससे पहले बारिश प्रदेश में पांच जिंदगियां लील गई। देहरादून के सीमावर्ती चकराता तहसील क्षेत्र में बादल फटने से पिता-पुत्री समेत तीन लोग और 21 मवेशी मलबे में दफन हो गए, जबकि चार अन्य घायल हो गए। ऊधमसिंहनगर के बाजपुर में ईंट भट्ठे में गीली ईंटों का ढेर गिरने से दो श्रमिकों की मौत हो गई। सितारगंज में टिनशेड की चपेट में आने से पांच लोग जख्मी हो गए।
ऊंची चोटियों पर भी हुआ हिमपात
गुजरे 24 घंटे के अंतराल में चारों धामों में बारिश के साथ ही राज्य की ऊंची चोटियों पर हिमपात भी हुआ। राज्य में औसतन 28.6 मिलीमीटर बारिश हुई। चंपावत में सर्वाधिक 105 मिलीमीटर और चमोली में सबसे कम 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई जिलों में मई महीने में बारिश के रिकार्ड भी टूटे। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है।
चकराता के कोल्हा गांव बादल फटा, तीन की मौत
चकराता तहसील के खेड़ा बिजनाड़ इलाके में कोल्हा गांव के कुछ परिवार छानी (गौशाला) हैं। सुबह करीब पौने नौ बजे गांव के ऊपरी इलाके में बादल फटने से काफी मात्रा में पानी और मलबा आ गया। इससे दो छानियां ध्वस्त हो गई। इनमें रह रहे तीन लोग मलबे में दब गए। रेस्क्यू टीम के पहुंचने से पहले ही ग्रामीण इनकी खोजबीन में जुट गए थे।

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