आरिफ नियाज़ी
रूड़की।खानपुर विधायक उमेश कुमार द्वारा आयोजित विवाह समारोह में 151 जोड़ों का विवाह आज एक नई नजीर बन चुका है। जहां एक और ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चारण कर हिंदू बेटियों के फेरे करवाए तो वही दूसरी ओर मुस्लिम बेटियों का निकाह उलेमाओं द्वारा संपन्न हुआ। इस मौके पर मुफ्ती रियासत,मुफ्ती मासूम मुफ्ती रियासत आदि निकाह के गवाह भी बने।उमेश कुमार ने वैवाहिक जोड़ो पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी की जिससे पंडाल उमेश कुमार के नारों से गूंज उठा।
मेहवड़ में आयोजित विवाह समारोह में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।जो उमेश कुमार की एक झलक पाने को बेताब थे इस मौके पर गांव गांव से पहुंचे बुजुर्ग लोगों ने उमेश कुमार को इस कार्य के लिए आशीर्वाद दिया तो वहीं युवाओं ने हाथ मिलाकर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत भी किया।इस मौके पर विधायक उमेश कुमार ने कहा कि उन्हें इस तरह के कार्य करने में बेहद आनंद आता है और लोगों को भी इस तरह के आयोजन करने चाहिए ताकि समाज में जनप्रतिनिधियों के लिए नया संदेश पहुंच सके।उन्होंने कहा की कुछ राजनैतिक दल धर्म और अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए राजनीति करते हैं लेकिन वह आज हरिद्वार को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं हरिद्वार के लोगों का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है उन्हे जो अधिकार मिलने चाहिए थे वह नहीं मिल पाए। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि उनके विधायक बनने के बाद यह पांचवा विवाह समारोह है जिसमें हिंदू मुस्लिम बेटियों की शादी एक साथ की गई है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद है कि कोई निर्धन माता पिता अपनी बेटियों की शादी के लिए कर्जमंद ना हो। उमेश कुमार ने कहा कि वह बंटवारे की नहीं बल्कि प्यार की राजनीति करना चाहते हैं जनता ने उन्हें जो सम्मान 2022 में दिया था वह उसके लिए जनता के आभारी है और विश्वास है कि 2024 में पहले से अधिक प्यार देंगे ताकि वह और मजबूती के साथ जनता की सेवा कर सके। इस विवाह समारोह में सभी मेहमानों को लजीज व्यंजन पर परोसे गए इस समारोह के साक्षी हजारों लोग बने। इसके साथ ही विवाह समारोह में हैलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी की गई। वहीं टोडा कल्याणपुर के ग्राम प्रधान का कहना है की यह उनकी खुशकिस्मती है की उन्हें उमेश कुमार जैसा विधायक मिला जिसने हरिद्वार जिले में हिंदू मुस्लिम एकता की नई मिसाल कायम की और एक नई इबारत लिखी।उन्होंने कहा की उमेश कुमार गरीबों के मसीहा साबित हो रहे हैं जिन लड़कियों की शादी नहीं हो पाती थी दहेज के बिना उनकी शादी नहीं हो सकती थी लेकिन उमेश कुमार ने इस काम को सरल करते हुए एक नया इतिहास रचा और आज गरीब की बेटी को भी ससुराल जाने का मौका मिला।उमेश कुमार विधायक नहीं बल्कि एक फरिश्ता हैं जो गरीब और मजलूमों के मसीहा साबित हो रहे हैं।
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