आरिफ नियाज़ी
उत्तराखंड की लिब्बरहेडी सहकारी गन्ना विकास समिति एक ऐसी समिति है जहां आय और व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाता है और गन्ना किसानों को गन्ने की प्रजाति से लेकर किसानों को तमाम तरह की जानकारी मिलती है।इस तरह की बैठक में जहां बड़ी संख्या में गन्ना किसान पहुंचते हैं वहीं समिति के सदस्य समेत सभी चीनी मील के अधिकारी और गन्ना विकास समिति के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं।
आज गन्ना विकास समिति के कार्यालय परिसर में चतुर्थ वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें स्थापना दिवस पर समिति की आय और व्यय का ब्योरा भी विस्तार से प्रस्तुत किया गया।इस मौके पर बैठक में समिति की अध्यक्ष रेनू रानी ने समिति में हुई आय और व्यय का पूरा ब्योरा सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया। जिसका समस्त उपस्थित प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।
समिति की आय बढ़ाने के लिए उपस्थित सदस्यों द्वारा समिति का पेट्रोल पंप लगाए जाने, गैस एजेंसी खोले जाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, लेखा परीक्षण प्रतिवर्ष कराए जाने, कृषि यन्त्रों के सब्सिडी पर वितरण के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत किये।
वहीं चेयरमैन प्रतिनिधि सुशील राठी ने बताया कि यह समिति उत्तराखण्ड की पहली समिति है जिसका वित्तीय वर्ष 2022-23 तक का संतुलन पत्र बनाकर ऑडिट का कार्य पूर्ण करा लिया गया है, उन्होंने बताया कि आज समिति का स्थापना दिवस भी है,कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानन्द ने कहा कि लिब्बरहेड़ी सहकारी गन्ना विकास समिति
बहुत अच्छा एवं पारदर्शिता से सराहनीय कार्य कर रही है,उन्होंने कहा कि प्रदेश की धामी सरकार गन्ना कृषकों के हितों के प्रति गंभीर है जिसका जीता जागता उदाहरण है कि चीनी मिलें समय पर किसानों को गन्ना भुगतान कर रही हैं तथा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं, सरकार की ओर से किसान हितों में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है।

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