आरिफ़ नियाज़ी
रूडकी के विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत साबिर साहब के सज्जादा नशीं अली शाह मियां ने भी वसीम रिज़वी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि वसीम रिज़वी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं उन्हें शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं ने भी इस्लाम से बाहर कर दिया है। गौरतलब है कि शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले यूपी के वक्फबोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी द्वारा कुरान शरीफ की लगभग 26 आयतों को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके बाद दुनिया के सभी मुसलमानों ने उनका कड़ा विरोध किया है।
वसीम रिजवी के इस बयान के बाद सुन्नी समुदाय के बुद्धिजीवियों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। साथ ही ऐसी हरकत करने पर उनको खूब खरी खोटी भी सुनाई है दरगाह हज़रत साबिर साहब के नायब सज्जादानशीं अली शाह मियां ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि ऐसे गुस्ताख लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। और रिठ को खारिज किया जाए। अली शाह ने कहा कि कुरान शरीफ पर उंगली उठाने वाले फिरौन की नस्ल में से होते हैं, ऐसे लोगों का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं होता।

अली शाह मियां ने कहा कि इससे पहले कि कोई और रिजवी जैसा सिरफिरा इसाई धर्म, हिंदू धर्म, सिख धर्म या किसी अन्य धर्म के खिलाफ गलत बयानबाजी करें, ऐसे लोगों के खिलाफ एक मंच पर आकर कानूनी कार्रवाई के साथ कड़ा विरोध करना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पवित्र गीता, वेद, पुराण, बाइबिल, गुरुग्रंथ साहिब पूरी मानवता को शांति, सद्भाव का संदेश देते हैं, इसी प्रकार कुरान शरीफ भी पूरी इंसानियत का मार्ग दर्शन करता है।
वहीं अंजुमन गुलामाने मुस्तफा कमेटी के राष्ट्रीय सचिव शादाब साबरी ने कहा कि मौजूदा हालात में कुरान शरीफ के पैगाम और इसकी शिक्षा आम करना हर मुसलमान की जिम्मेदारी बनती है। कुरान शरीफ हमेशा इंसानियत को जिंदा रखने का पैगाम देता है। जो सच्चाई और सद्भाव की राह दिखाता है। शादाब साबरी ने कहा कि ऐसे बेअदब लोगों को कतई भी इस्लाम से कोई नाता नहीं हो सकता। ऐसे लोगों को बीच चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिये, जो लोग कलाम पाक की आयतों की बेहुरमती करने का काम करते हैं।
इस वक्त जो मुसलमानों के हालात हैं, मुसलमानों को जरुरत है कि कलाम-ए-पाक की शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा आम करें, जिससे कि इंसानियत जिंदा रहे। शादाब साबरी ने कहा कि वसीम रिजवी अपने उपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर पर्दा डालने के लिए देश के सौहार्द और भाईचारे को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है, जो कि बेहद ही अफसोस की बात है।
हजरत बाबा गुलाम जिलानी के खलीफा सूफी मोहम्मद राशिद साबरी ने वसीम रिजवी को फिरौन की नस्ल में से बताते हुए कहा कि ऐसे गुस्ताख, नालायक लोगों का इस्लाम से कतई भी ताल्लुक नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि फौरन ही देश में अशांति फेलाने के आरोप में रासुका के साथ अन्य संगीन धाराओं में वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
ताकि देश में अमनो चेन कायम रह सके। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि आपसी भेदभाव मिटाकर एक मंच आए और रिजवी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने काम करें।

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