उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब राज्य आंदोलन के अपने नजरिये को फेसबुक पोस्ट के जरिये साझा करेंगे। रावत ने कहा कि वे 23 मई से लिखना शुरू करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक उत्तराखंड आंदोलन के दिनों में बहुधा उन्हें स्वायत्तशासी हिल काउंसिल के प्रमोटर के रूप में चित्रित किया गया।
रावत ने कहा कि उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक में आंदोलन की धमक थी और हर स्तर पर कुछ न कुछ हो रहा था । इसमें उत्तराखंडियत का स्वरूप भी उभर कर सामने आया था। पौड़ी में हुए लाठीचार्ज के बाद सारे राज्य के अंदर जिस तरीके से पहले आरक्षण को लेकर और फिर धीरे-2 अलग राज्य को लेकर के एक जबर्दस्त आंदोलन चला था।उस समय सियासी दलों के अंदर और सत्ता के गलियारों में कई घटनाएं घटित हुई और उनका सीधा संबंध उत्तराखंड के भविष्य की योजना के साथ था। इससे जुड़े अनछुए पहलुओं को सामने लाने की उनकी कोशिश होगी।

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