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रुड़की के सिविल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने पर अस्पताल प्रबन्धन में मचा हड़कंप, समय रहते ऑक्सीजन ना पहुंचती तो हो सकती थी बड़ी जनहानि

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आरिफ नियाज़ी

एक तरफ जहां कोरोना जैसी माहमारी से पूरे  देश मे दहशत का माहौल है वहीं रुड़की शहर के अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा भी कोरोना मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है। अभी रूडकी के विनय विशाल हॉस्पिटल में पांच संक्रमित मरीज़ों की मौत का मामला ठंडा भी नहीं हो पाया था कि वहीं सिविल हॉस्पिटल में अचानक ऑक्सीजन खत्म होने  पर  अस्पताल प्रबन्धन में हड़कंप मच गया।

ऑक्सीजन के वाहन लेट होते ही चारों ओर फोन घनघनाने लगे। अस्पताल में कोरोना के मरीजों के लिए मात्र एक ऑक्सीजन सिलेंडर ही बचा था उस समय वार्ड में भर्ती 37 मरीजों को ऑक्सीजन लगी हुई थी। एक ही सिलेंडर से 37 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही थी। ऑक्सीजन खत्म होते देख अस्पताल प्रबंधन के भी हाथ-पांव फूल गए साथ ही मरीजों के परिजनों में हड़कंप मच गया सब तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

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लेकिन उसी दौरान 20 ऑक्सीजन सिलेंडर की गाड़ी अस्पताल में पहुंच गई कर्मचारियों ने तुरंत ही ऑक्सीजन लगाई। तब जाकर अस्पताल प्रबंधन की सांस में सांस आई वही मरीजों के परिजन भी शांत हुए। गौरतलब है कि रूडकी के सिविल हॉस्पिटल में चालीस बैड का एक कोविड सैंटर बनाया गया है जिसके लिए प्रतिदिन ऑक्सीजन के 60 सिलेंडर उपलब्ध होते है जबकि अस्पताल में  लगभग 80 ऑक्सीजन सिलेंडर की  आवश्यकता है।

सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल ने बताया कि फिलहाल हॉस्पिटल में  कोरोना मरीज़ों  की संख्या  37 के लगभग है  जिनमे पांच मरीज़ों को उपचार के बाद अस्पताल  से  छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल में ऑक्सीजन  की कमी के लिए अधिकारियो को अवगत कराया गया है।

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