आरिफ़ नियाज़ी
रुड़की के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर की फर्जी डिग्री पाए जाने के बाद से आरोपी डॉक्टर सिविल अस्प्ताल से फरार हो चुका है। सिविल होस्पिटल के सूत्रों का कहना है कि अनिल कुमार बेहद शातिर था जो डॉक्टर की फर्जी डिग्री लेकर सिविल हॉस्पिटल में नोकरी करता रहा। सिविल होस्पिटल के सीएमएस डॉ संजय कंसल ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले कई डॉक्टरों ने बताया था कि डॉ अनिल कुमार को जितनी बेसिक जानकारी होनी चाहिए वह नहीं है जिसकी डिग्री की जांच होनी चाहिए। आरोपी डॉक्टर के अस्प्ताल में लिखे जाने वाले पर्चों को भी अस्प्ताल का स्टाफ समझ नहीं पा रहा था। अब अनिल कुमार के खिलाफ रायपुर पुलिस ने फर्जी डिग्री के साथ साथ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
पूरा मामला सामने आने पर जहां रूड़कीं अस्पताल प्रबन्धन में हड़कंप मचा हुआ है तो वही सिविल अस्पताल से आरोपी डॉक्टर भी फरार हो चुका है।डॉक्टर की डिग्री फर्जी है जो उसने नौकरी लगने के लिए स्वास्थ्य विभाग में लगाई थी फिलहाल डॉक्टर के खिलाफ रायपुर थाने में केस दर्ज किया गया है रुड़की सिविल हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ संजय कंसल ने बताया कि मेडिकल काउंसिल के उत्तराखंड के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ डीडी चौधरी ने रायपुर पुलिस थाने में उक्त डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराया है डॉक्टर अनिल कुमार पुत्र प्रेमलाल नौटियाल निवासी नकरौंदा जिला देहरादून को चिकित्सा अधिकारी के पद पर रुड़की सिविल होस्पिटल में नियुक्त किया गया था
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उसने खुद को मेडिकल कॉलेज कटक उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर से एमबीबीएस पासआउट बताते हुए काउंसिल में पंजीकरण कराया था और बाद में रुड़की के सिविल हॉस्पिटल में नौकरी पा ली थी लेकिन इसी बीच अस्पताल प्रबंधन को उस पर संदेह हुआ एमबीबीएस की डिग्री की उसकी जांच की गई तो वह फर्जी पाई गई वहीं उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने आरोपी की बर्खास्तगी को लेकर पत्र भेज दिया है।
हालांकि रूड़कीं के सिविल होस्पिटल के सीएम एस डॉ संजय कंसल ने बताया कि आरोपी अनिल कुमार पर शक होने पर स्वास्थ्य महानिदेशक को शिकायत की गई थी जिसकी जांच होने पर पूरा मामला सामने आ गया। उन्होंने बताया कि अनिल कुमार को चार माह पहले ही एमरजेंसी से वैक्सिनेशन और सैम्पलिंग में लगा दिया था जहां अधिक जानकारी की ज़रूरत नहीं पड़ती।फिलहाल डॉक्टर को अस्पताल में सेवाएं देने से रोक दिया है।

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