Jan Mudde

No.1 news portal of India

उत्तराखंड में यूनानी पद्धति की उपेक्षा से यूनानी चिकिस्तकों में रोष, कोरोना में भी काफी कारगर है यूनानी मेडिसिन-डॉ मतिउल्लाह मजीद

Spread the love

आरिफ नियाज़ी

उत्तराखण्ड सरकार भले ही सबसे पुरानी यूनानी पद्धति पर कोई ध्यान ना दे रही हो लेकिन कोविड जैसी बीमारी का उपचार यूनानी पद्धति में भी मौजूद है। जिसका यूनानी चिकित्सक दावा कर रहे हैं हालांकि सरकार घोषणा के अनुरूप कलियर शरीफ में यूनानी मैडिकल कॉलेज का निर्माण समय पर करा देती तो आज कोविड के मरीजों को काफी लाभ मिलता। मरीज़ों को आइसोलेशन सैंटर मिलता और मरीज़ों को काफी राहत मिलती

रूडकी निवासी मैक्स रेमेडीज के डायरेक्टर मतिउलाह मजीद का दावा है कि यूनानी पद्धति देश की सबसे पुरानी और कारगर पद्धति है जिसमें गंभीर से गभीर बीमारी का उपचार भी संभव है लेकिन वहीं यूनानी मैडिसन ने कोरोना जैसी महामारी में अच्छे परिणाम दिए हैं। बशर्ते कि मरीज मुस्तक़िल मिजाजी और यकीन के साथ दवाई का प्रयोग करे तो उससे काफी लाभ मिलता है।

[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”advertisement” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]

डॉक्टर मतिउल्लाह मजीद का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हमेशा यूनानी पद्धति के साथ सौतेला व्यवहार किया है अगर सरकार ने 2016 में संगे बुनियाद के बाद यूनानी मैडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू करा दिया होता तो आज मरीज़ों को भटकना नहीं पड़ता और उसकी तस्वीर ही कुछ अलग होती। उन्होंने बताया कि यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने सरकार को इस बाबत प्रस्ताव भेजकर लगातार मांग की लेकिन कुछ नहीं हुआ इतना ही नहीं सरकार आयुर्वेद को लेकर तो गंभीर है लेकिन यूनानी की लगातार उपेक्षा कर रही है

जिससे यूनानी चिकित्सको में सरकार को लेकर भारी रोष है। मैक्स रेमेडीज के डारैक्टर ने बताया कि यूनानी में अधिकांश दवाई इस तरह की हैं कि वो कोरोना जैसी बीमारी में कफ़ को बाहर निकालतीं हैं वायरस को मारती हैं जब कफ बाहर निकलता है तो वायरस का प्रभाव बेहद कम हो जाता है।

उन्होंने बताया कि इम्युनिटी बूस्टिंग करने में जड़ी बूटियां भी काफी कारगर साबित हुई हैं।उन्होंने बताया कि सैंट्रल रिसर्च यूनानी मेडिसिन ने एक जोशांदे का सुझाव दिया था उसे सरकार ने भी अप्रूव किया था लखनऊ यूनानी मेडिकल कॉलेज और इलाहाबाद में इसके ट्रायल हुए जो काफी कामियाब रहे।जिसमें बैदाना, सबिस्तान और उन्नाब का परिणाम काफी बेहतर रहा ये मेडिसीन खांसी जुखाम में काफी लाभदायक है।

error: Content is protected !!
जन मुद्दे के लिए आवश्यकता है उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न० 9719430800,9557227369