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सी एम की वात्सल्य योजना की घोषणा होते ही मंत्री रेखा एक्टिव मोड में, सरकार से की ये बड़ी मांग

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कोविड संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के भविष्य को सरकार चिंतित है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजकर ऐसे अनाथ बच्चों को 18 साल की आयु तक प्रतिमाह ढाई हजार रुपये की राशि मुहैया कराने के साथ ही निश्शुल्क राशन और शिक्षा की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से संचालित योजना के तहत अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के मद्देनजर उनके अभिभावकों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि उन्हीं अभिभावकों को दी जाती है, जिनकी मासिक आय 2400 रुपये है। इस बीच कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब कोरोना संक्रमित माता-पिता का निधन होने से बच्चे अनाथ हो गए।

सभी जिलों से इस बारे में जानकारी मांगी गई है। ऐसे बच्चों की किस तरह से मदद की जाए, इसे लेकर प्रदेश सरकार मंथन में जुटी है। इसी क्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कई सुझाव दिए हैं। राज्यमंत्री आर्य ने सुझाव दिया है कि ऐसे अनाथ बच्चों को राज्य सरकार की ओर से ढाई हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही 12 वीं कक्षा तक इन्हें राजकीय आवासीय विद्यालयों में निश्शुल्क शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। यदि ऐसे अनाथ बच्चे स्वजन अथवा रिश्तेदारों के साथ रह रहे हों तो इस स्थिति में उन्हें निश्शुल्क राशन व शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति को उनके वयस्क होने तक खुर्द-बुर्द होने से बचाने की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को दी जानी चाहिए।

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