आरिफ नियाज़ी
कुम्भ समापन से पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो गई है। बैरागी अखाड़ों ने अलग से अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद का गठन किया है। श्रीपंच दिगम्बर अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास नगरिया को सर्वसम्मति से परिषद का अध्यक्ष चुना गया है। संन्यासी अखाड़ों महाकुंभ सिर्जन की घोषणा के बाद बैरागी और संन्यासी अखाड़ों के बीच तनाव पैदा हो गया था।
[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”advertisement” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
आखिरकार लंबे समय तक चले गतिरोध अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बैरागी और संन्यासी अखाड़े एक दूसरे से अलग हो गए। बैरागी कैंप स्थित दिगंबर अणि अखाड़े में हुई तीनों वैष्णव अखाड़ों के पदाधिकारियों और बैरागी संतों की बैठक में अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन किया गया।श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास को परिषद का राष्ट्रीय महामंत्री, श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, निर्वाणी अणि अखाड़े के राष्ट्रीय महासचिव महंत गौरीशंकर दास को राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया गया है।
अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास ने बताया कि लंबे समय से वैष्णव अखाड़ों की अलग अखाड़ा परिषद के गठन पर विचार किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में गिनती के लिए 13 अखाड़े हैं। लेकिन वैष्णव अखाड़ों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा था।
संन्यासी अखाड़े कभी वैष्णव अखाड़ों के साथ नहीं आए। हरिद्वार कुंभ में जिस प्रकार का व्यवहार वैष्णव अखाड़ों के साथ किया गया। उससे आहत होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि वैष्णव अखाड़ों के साथ अब तक जो अन्याय हुआ है। उसे जोर-शोर से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ समाप्ति की घोषणा करने के बाद अब संन्यासी अखाड़े किस मुंह से शाही स्नान की बात कर रहे हैंअखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि पूरा साधु समाज आपस में गुरू भाई है,
लेकिन अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वैष्णव संप्रदाय का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संन्यासी अखाड़ों द्वारा वैष्णव अखाड़ों के साथ जो व्यवहार किया गया। उससे आहत होकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग होकर अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के गठन का निर्णय लिया गया है। जहां कहीं भी वैष्णव संप्रदाय के अधिकारों का हनन होगा पुरजोर तरीके से आवाज उठायी जाएगी।

More Stories
हरिद्वार जिले में गौकशी की बढ़ती घटनाओं से महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि महाराज बेहद नाराज़, पुलिस प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
कांग्रेस नेता सचिन गुप्ता ने अपने पिता की तीसरी पुण्यतिथि पर लगाया रक्तदान शिविर, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
रुड़की में बाइक सवार युवक पर ताबड़तोड़ फायरिंग,हालत गंभीर,पुरानी रंजिश का मामला