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सहकारी समिति मेहवड़ खुर्द में फर्जी नियुक्ति मामले ने पकड़ा तूल, संचालक की तहरीर पर पुलिस जांच में जुटी

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आरिफ़ नियाज़ी

बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति मेहवड़ खुर्द में फर्जी नियुक्ति के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है एक तरफ जहां जांच कमेटी ने समिति के संचालक नसीबुद्दीन की शिकायत पर सभी नियुक्तियों को फ़र्ज़ी पाते हुए निरस्त कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर समिति के संचालक ने समिति के एमडी और चेयरमैन के खिलाफ कलियर पुलिस को तहरीर दी है। जिसकी पुलिस जांच करने में जुटी है।

गौरतलब है कि बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति में नियुक्तियों में फ़र्ज़ीवाड़े का मामला सामने आया था समिति बोर्ड के महत्त्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों ने अपने चहितों को समिति में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति दी थी। दरअसल इस नियुक्ति के फर्ज़ीवाड़े के खुलासे के लिए शासन द्वारा 4 दिसम्बर 2021 की शिकायत के आधार पर रुड़की के अपर जिला सहकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई थी जिसने 24 जनवरी 2022 को जांच रिपोर्ट प्रस्तूत की थी।

जांच रिपोर्ट आने के बाद जिला सहायक निबन्धक सहकारी समितियां हरिद्वार उत्तराखण्ड राजेश चौहान ने लिपिक बृजपाल सैनी,कृष्णा सैनी,विनोद पाल,विशुपाल कि नियुक्ति को तुरंत निरस्त कर दिया था। खास बात यह थी कि समिति के संचालक नसीबुद्दीन ने समिति चेयरमैन पर समिति में शौचालय निर्माण की जांच और संचालक मंडल को दीपावली पर दिए उपहारों की जांच के अलावा प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं के भी गम्भीर आरोप लगाए थे।

जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर जिला सहकारी अधिकारी अरविंद जोशी,जांच कमेटी के सदस्य अमित कुमार और सदस्य नईम आलम की जांच समिति ने सभी नियुक्तियों को निरस्त करते हुए पाया था कि नियुक्ति प्रक्रिया संबंधी आदेशों का  पालन नहीं किया गया है इसके अतिरिक्त घोषित चयन प्रक्रिया के मानक सिद्धांतों का भी बड़ा उल्लंघन किया गया है समिति में धन का अभाव है तथा बैक डोर नियुक्तियां अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सचिव द्वारा मिलीभगत करके की गई है।

विशुपाल और विनोद पाल जो अध्यक्ष अनिल कुमार के बेहद सगे संबंधी है जबकि बृजपाल सैनी समिति के उपाध्यक्ष के पुत्र हैं, जिनकी नियुक्ति समिति के सभापति उपसभापति द्वारा अपने पद का दुरुपयोग और असंवैधानिक रूप से की गई है। जांच  में सभी अवैध नियुक्तियों को समाप्त करने की संस्तुति की गई। इसके अलावा संचालक नसीबुद्दीन द्वारा उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसानो एवं समुह को ब्याज मुक्त लोन दिए जाने को लेकर भी लेकर समिति चेयरमैन द्वारा अपने सगे संबंधियों को लाभ दिए जाने के गंभीर आरोप लगाते हुए, धोखाधड़ी कर समिति में की गयी अनियमितताओं को लेकर कलियर पुलिस थाने को तहरीर दी गई है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

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